सन्देश

देश में कहीं न कहीं हर व्यक्ति भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरो का शिकार अवश्य हुआ हें, मगर इसका विरोध करने की बजाय सभी ने उसी को नियति मानते हुए आत्मसात कर लिया| अगर आप भी चाहते हें की ये सिस्टम बदले, तो पहल तो करनी ही होगी, तो अब वक्त आ गया हें की, भ्रष्ट हो चुके सिस्टम की शिकायत आप हमसे करे, आप दीजिए हमे कहीं भी हो रहे भ्रष्टाचार, घोटाले या रिश्वतखोर के बारे में जानकारी, हम करेंगे उसको खत्म करने की कोशिश, और अगर आप भी हें तेयार, लड़ने के लिए, और अगर हें साथ तो, हमारी टीम करेगी इसमे आपकी मदद |

अगर आपके पास हें भीलवाडा जिले में या कहीं भी, किसी भी, तरीके के हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी, तो हमारे पास कराये दर्ज अपनी शिकायत | आप चाहे आम आदमी हों, या सरकारी कर्मचारी बेफिक्र रहे, और विश्वास रखे, आपकी पहचान और जानकारी गुप्त रखी जायेगी | (और अगर आप अपनी पहचान नही देना चाहते, तो किसी भी मामले की जानकारी बाय पोस्ट (डाक) द्वारा भी भेज सकते हें|

शिकायत के लिए यहाँ संपर्क करे | अगर आप के पास उस से जुड़े दस्तावेज या अन्य कोई जानकारी हो तो भी भेजे | (मामले के सत्यापन के बाद ही अग्रिम कार्यवाही की जायेगी )

संपर्क करे या लिखे या फोन करे,

अध्यक्ष

(complain against corruption)

Om Kumar Vaishnav

Near Khara Kua, Nagori Mohlla

Gulmandi,Bhilwara (raj.)

mobile no. +91 94686 09984,

office + 91 95490 52649

E-MAIL KRE - kumar.om08@gmail.com


सोमवार, 8 अप्रैल 2013

डैम मे,बांध मे पानी नही हैं तो, पैशाब कर के डैम ओर बांधो को भर दे...- अजित पवार

महाराष्ट्र में जहां एक तरफ आम जनता भयंकर सूखे के कारण पानी के लिए तरस रही हैं, ओर दूसरी तरफ महाराष्ट्र के शीर्ष पद पर बैठे उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने आम जनता की परेशानी को लेकर ऐसी शर्मनाक टिप्पणी की है, जो कोई आम इंसान भी कभी नही कहेगा | जी हाँ, शनिवार की रात उन्होंने एक जनसभा में मुंबई के आजाद मैदान में एक सूखा पीड़ित किसान के अनशन करने का भरपूर मजाक उड़ाया। पवार ने अनशनकारी किसान के संदर्भ में कहा, 'वह पिछले 55 दिनों से अनशन पर है। यदि डैम में पानी नहीं है तो हम किस तरह पानी छोड़ें? क्या हम उसमें पेशाब करे ताकि डैम भर जाये  ? यदि पीने के लिए पानी नहीं है तो पेशाब होना भी तो संभव नहीं है।' वह इतने पर नहीं रुके। राज्य में बिजली गुल होने पर मजाक में उन्होंने कहा, 'मैंने गौर किया है कि जब से रात में बत्तियां गुल हो रही हैं बच्चे अधिक पैदा हो रहे हैं। तब करने को और कोई काम नहीं रह जाता।" देश मे आए दिन होती इस तरह की बयानबाजी, ओर अजित पवार द्वारा एक जिम्मेदार पद पर होते हुये इस तरह के शर्मनाक बयान साबित करते हैं की, देश मे शीर्ष पदो पर बैठे लोगो का मानसिक संतुलन खो चुका हैं, ओर उनकी नजरों मे आम आदमी की कीमत कीड़े-मकोड़ो ज्यादा नही हैं, ओर सरकारी कार्य-प्रणाली से सब पहले से ही वाकिफ हैं, आम जनता की परेशानी को दूर करना तो दूर की बात, उल्टे उसकी परेशानी का मज़ाक बना कर अजित पवार ने साबित कर दिया की उन्हे आम जन की कोई परवाह नही हैं, तो क्या इसी लिए जनता ने उन्हे चुना था ?  

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