सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच
जमीन सौदे को रद कर सुर्ख़ियो में आए हरियाणा
के वरिष्ठ आइएएस अशोक खेमका को फिर से अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाने का इनाम एक बार फिर एक ओर तबादला के रूप मे दिया गया। खेमका को हरियाणा बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया गया हैं, ओर अब अभिलेखाकार विभाग में सचिव बनाया है। पिछले 6 महीने के भीतर यह उनका दूसरा और 1 साल में चौथा तबादला है। खेमका को अपने 21 साल की नोकरी में 44 बार तबादलो का सामना करना पड़ा है।
इस बार उनका तबादला जर्मनी की एक कंपनी से दवा खरीद के मामले मे अनियमितता उजागर करने के कारण हुआ है, उन्होंने इस कीटनाशक दवा पर कई सवाल खड़े किए, जिसको कृषि विभाग ने नकार दिया था। खेमका को निगम के कर्मचारियों से भी जूझना पड़ा, भ्रष्ट अधिकारियों के कारण फिर से उन्हे तबादले का सामना करना पड़ा हैं, इस से तो यही साबित होता हैं की देश मे ईमानदारों की कोई जरूरत नही हैं उन्हे जानबूझ कर इस तरह परेशान किया जाता हैं, अगर यही हाल रहेगा, तो इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा, आम जनता को आगे आकर ऐसे तबादलो का विरोध करना चाहिए, नही तो इसके नतीजे आम जनता को ही भुगतने पड़ेंगे |
के वरिष्ठ आइएएस अशोक खेमका को फिर से अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाने का इनाम एक बार फिर एक ओर तबादला के रूप मे दिया गया। खेमका को हरियाणा बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया गया हैं, ओर अब अभिलेखाकार विभाग में सचिव बनाया है। पिछले 6 महीने के भीतर यह उनका दूसरा और 1 साल में चौथा तबादला है। खेमका को अपने 21 साल की नोकरी में 44 बार तबादलो का सामना करना पड़ा है।
इस बार उनका तबादला जर्मनी की एक कंपनी से दवा खरीद के मामले मे अनियमितता उजागर करने के कारण हुआ है, उन्होंने इस कीटनाशक दवा पर कई सवाल खड़े किए, जिसको कृषि विभाग ने नकार दिया था। खेमका को निगम के कर्मचारियों से भी जूझना पड़ा, भ्रष्ट अधिकारियों के कारण फिर से उन्हे तबादले का सामना करना पड़ा हैं, इस से तो यही साबित होता हैं की देश मे ईमानदारों की कोई जरूरत नही हैं उन्हे जानबूझ कर इस तरह परेशान किया जाता हैं, अगर यही हाल रहेगा, तो इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा, आम जनता को आगे आकर ऐसे तबादलो का विरोध करना चाहिए, नही तो इसके नतीजे आम जनता को ही भुगतने पड़ेंगे |
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